10 करोड़ बैंक खाते Inactive,जन धन खाते मे करे जल्दी ये काम.

 

10 करोड़ बैंक खाते Inactive,जन धन खाते मे करे जल्दी ये काम.

10 करोड़ बैंक खाते Inactive,जन धन खाते मे करे जल्दी ये काम.

 क्यों हुए जनधन के 10 करोड़ खाता Inactive

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने अगस्त 2014 को जनधन योजना शुरू की थी .और इस योजना का नाम ही प्रधानमंत्री जन धन योजना रखा गया था. इस योजना का मुख्य उद्देश्य था हर घर के परिवार के हर एक का बैंक में खाता हो और हर एक व्यक्ति को बैंकिंग सुविधा जैसे कि बैंक खाता ,क्रेडिट, बीमा और पेंशन सुविधा मिलनी चाहिए. यही उद्देश्य इस जन धन योजना के कार्यक्रम का था. इस योजना के शुरू होने के बाद भारत में लगभग 50 करोड़ से भी ज्यादा जनधन खाता खोले गए थे. और सभी खातों का ट्रांजैक्शन भी उस वक्त हुआ था. लेकिन कुछ साल बाद उनमें से लगभग 10 करोड़ खाता का ट्रांजैक्शन बिल्कुल ही देखा नहीं गया. आरबीआई की गाइडलाइन के मुताबिक अगर किसी खाते में या सेविंग खाते में 2 साल से भी ज्यादा के समय में अगर कोई ट्रांजैक्शन ना हो तो उस खाता को निष्क्रिय माना जाता है. इन 10 करोड़ खातों में लगभग 50 फ़ीसदी खाता महिलाओं की भी है. अगर कई दिन इन खातों में कुछ ट्रांजैक्शन नहीं देखा तो यह खाते बंद होने के कगार पर आ जाएंगे. आरबीआई के मुताबिक इन 10 करोड़ खातों में लगभग 12000 करोड़ से भी ज्यादा की रकम पड़ी है.

क्यों खुलवा गए थे जनधन खाते

जनधन खाता खुलवाने का सरकार का यही प्रयास था कि, गरीब से गरीब व्यक्ति उसकी पहुंच बैंक तक होनी चाहिए. और वह बैंकिंग सिस्टम से जुदा होना चाहिए. इसीलिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने यह जनधन योजना की स्कीम को लॉन्च किया था.

जीरो बैलेंस खाता

जनधन खाता एक जीरो बैलेंस खाता ओपन किया गया था. जीरो बैलेंस खाता यानी की उस खाता खोलने को एक रुपए भी लग नहीं रहा था. लोग बिना किसी न्यूनतम रकम से बैंक में सेविंग खाता खोल सकते थे, और व्यक्तियों के लिए एक विशेष अधिकार था .आर्थिक रूप से कमजोर लोग इन बैंकिंग सेवाओं को सीधी तरफ से पहुंच गए थे. इस योजना के तहत लोगों को वित्तीय साक्षरता पर जोर दिया गया था लोगों को बैंकिंग सुविधा मिले बैंक में जाकर पैसे बचाएं और बीमा और पेंशन इन सुविधाओं का भी लाभ ले सके इस कारण उन्हें शिक्षित किया जा सके. अगर आने वाले समय में इन खातों में कोई ट्रांजैक्शन नहीं देखा तो सरकार को एक जरूरी कदम उठाना पड़ेगा और इसके आगे जाकर सरकार यह कहते बंद भी करवा सकती हैं इसीलिए जनधन खातों में ट्रांजैक्शन होना अनिवार्य हो सकता है.
  1. वित्तीय समृद्धि: इस योजना के माध्यम से गरीब वर्ग के लोगों को बैंक खाता खोलने का अवसर मिलता है, जिससे उनकी वित्तीय समृद्धि में सुधार होता है।

  2. बीमा सुरक्षा: जन धन खाताधारकों को बीमा सुरक्षा की सुविधा भी प्रदान की जाती है, जिससे वे अचानक होने वाली किसी भी आपदा या घातक घटना के खिलाफ सुरक्षित रहते हैं।

  3. ऑवरड्राफ्ट सुरक्षा: इस योजना के तहत बैंक खाताधारकों को ओवरड्राफ्ट सुरक्षा की सुविधा मिलती है, जिससे वे अपेक्षित खर्च के मामले में सुरक्षित रह सकते हैं।

  4. पेंशन की सुविधा: जन धन खाताधारकों को आयु 60 वर्ष या उससे अधिक होने पर वृद्धावस्था पेंशन की सुविधा भी मिलती है। इसके माध्यम से वृद्धावस्था में लोगों को आर्थिक समर्थन प्रदान किया जाता है।

  5. बैंकिंग सेवाओं का उपयोग: जन धन खाताधारक अपने खाते का उपयोग बैंकिंग सेवाओं के लिए कर सकते हैं, जैसे कि ऋण, जमा, अनुपातित बीमा, आदि।

  6. वित्तीय साक्षरता: जन धन योजना के माध्यम से लोगों को वित्तीय साक्षरता में सुधार होता है, क्योंकि उन्हें बैंक खाता चलाने की प्रक्रिया का अनुभव होता है और उन्हें वित्तीय समझ में वृद्धि होती है।

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